Poos Ki Raat PDF Download in Hindi | पूस की रात कहानी

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अगर हम वर्तमान समय में भारतीय किसान की स्थिति देखें तो आज भी किसान ऐसी ही परिस्थिति में फंसा हुआ है जिस परिस्थिति में सालों पहले मुंशी प्रेमचंद जी का हल्कु फंसा था। यह उपन्यास हल्कू नाम के एक दुबले-पतले किसान की कहानी है। Poos Ki Raat Story Pdf में आप एक किसान के जीवन और उसके निर्णय को जरा करीब से समझ पाएंगे।

Poos Ki Raat PDF Download in Hindi | पूस  की रात कहानी

Poos Ki Raat PDF Download in Hindi - पूस की रात कहानी

पूस की रात, प्रेमचंद द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध कहानी है। जिसे उन्होंने 1921 प्रकाशित किया था। यह एक गरीब किसान, हल्कू और उसके कुत्ते, जबरा की कहानी है। पूस की रात कहानी की शुरुआत में, हल्कू अपने खेत के किनारे एक खटिया पर सो रहा है। वह बहुत ठंडा से कांप रहा है और उसकी चादर बहुत पतली है। उसका कुत्ता, जबरा, उसके पास ही सो रहा है, लेकिन वह भी बहुत ठंडा से कांप रहा है।

Poos Ki Raat Kahani Ka Saransh ( Poos Ki Raat Summary in Hindi )

हल्कू एक गरीब किसान है जिस पर अपने मालिक सहना का पैसा बकाया है। हल्कू और उसकी पत्नी जो भी काम करके जीतना भी धन इकट्ठा करते है, उसका अधिकांश हिस्सा उसके मालिक के पास ही चला जाता है, क्योंकि उधार के पैसे पर ब्याज दर इतनी अधिक है कि हल्कू को लगता है कि वह पूरा कर्ज चुका ही नहीं पायेगा। इसी बीच सहना पैसे की मांग करते हुए हल्कू के घर के बाहर आकर खड़ी हो जाता है। और इंतजार करने लगती है।

हल्कू माघ-पूस की जमा देने वाली कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए किसी तरह एक नया कंबल खरीदने के लिए तीन रुपये बचाने में कामयाब रहता है क्योंकि उसे रात में अपने खेत की देखभाल करने के लिए भारी कंबल की जरूरत होती है। 

हल्कू आकर अपनी पत्नी से कहता है सहना आया है, लाओं जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूं किसी तरह गला तो छूटे ।
मुन्नी, उसकी पत्नी होती है जो झाडू लगा रही थी। पीछे फिरकर बोली तीन ही रुपये हैं, दे दोगे तो कम्मल कहां से आवेगा? माघ पूस की रात खार में कैसे कटेगी ?

उससे कह दो, फसल पर दे देंगे। अभी नहीं है। हल्कू एक क्षण अनिशिचत दशा में खड़ा रहता है। पूस सिर पर आ गया, कम्बल के बिना खार में रात को वह किसी तरह सो नहीं सकता। इस बचाएं हुए पैसें को मालिक को देने से इंकार करती है,हल्कू फिर कहता है कि सहना मानेगा नहीं, घुडकिया जमावेगा, गालियां देगा। इस बला की जाड़ों से तो बाद में मरेंगे, पहले यह बला तो सिर से टल जाये ।

यह सोचता हुआ वह अपना भारी भरकम डील लिए हुए अपनी पत्नी के पास आ गया और उसकी खुशामद करते हुए बोला दे दे, गला तो छूटे कम्बल के लिए कोई दूसरा उपाय सोचेंगे ।

मुन्नी उसके पास से दूर हट गई और आंखे तरेरती हुई बोली कर चुके दूसरा उपाय जरा सुनूं तो कौन सा उपाय करोगे ? कोई खैरात दे देगा कम्मल ? लेकिन हल्कू जोर देकर कहता है कि ठंडी रातें मालिक की प्रताड़ना से बेहतर हैं। और वह सहना को पैसे दे देता है।

अँधेरी और बेहद सर्द रात में हल्कू अपने खेत में पहुँच जाता है। और झाड़ से बनी छप्पर के नीचे एक खाट में बैठ जाता है। खाट के नीचे उसका कुत्ता जबरा पड़ा है, जो रात की ठंडी लहरों के कारण रो रहा है, उसको चुप करना मुश्किल है।

बीड़ी फुंकते हुए हल्कू भूमि के आधिपत्य पर अपने भाग्य को कोस रहा है और उसे रात की ठंड में खेत की रखवाली करना मुश्किल हो रहा है। वह अपने शरीर के बीच अपना चेहरा छुपाने कि कोशिश करता है पर कोई फायदा नहीं होता है, वह हाथ रगड़ते हुए इधर उधर मुड़ता रहता है मगर उसे कोई गर्मी नहीं मिलती ।

हल्कू को अचानक याद आता है की उनके खेत से कुछ ही दूर आम का एक बाग है और वहां पर आम के सूखे हुए पत्ते है तो वह थोड़ी सी मसूर की फसल को लेकर एक झाड़ू तैयार करता है और गिरे हुए पत्तों के ढेर को इक्कठा कर देता है और उसमे आग लगता है। आग लगाने के बाद, वह कुत्ते को आग के पास पकड़कर लाता है। अब दोनों मिलकर आग की गर्मी महसूस करते है अब वह राहत की सांस लेता है। 

हल्कू को थोड़ी गर्माहट का अहसास होता है और उसे नींद आ जाती है और वह वही सो जाता है तभी नील गायो का झुंड उसके खेत पर हमला करते हैं, कुत्ता भौंकता है और खेत में भागता है। जानवरों को भगाने के बजाय, हल्कू अपने आलस और ठंड के चलते अलाव के पास लेटा हुआ यह सब देखता रहता है और सूखी मिट्टी पर सो जात है।

सुबह होते ही गांव के चारों ओर सूरज की तेज किरणें ढंक लेती है तब हल्कू को उसकी पत्नी जगाती, जो उसे उसके लापरवाही के लिए रोते हुए डाट रही है।

हल्कू के कुछ समझ में आने से बहुत पहले, नीलगाय ने खेत को नष्ट कर दिया था। मुन्नी उदास है लेकिन हल्कू खुश है क्योंकि उसे सर्द रातों में खेत की रखवाली करने से छुटकारा मिल जाता है। वह खेत के मालिक के बजाय मजदूर के रूप में काम करके कर्ज चुकाएगा।

निष्कर्ष 

आज इस लेख में हमने आपको Poos Ki Raat PDF Download in Hindi के बारे में पुरी जानकारी देने का प्रयास किया है। हमने आपको कुछ तरीकों के बारे में बताया है जिसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि पूस की रात कैसी थी और क्यों इसे भारतीय साहित्य के कुछ सबसे खूबसूरत कहानियों में से एक माना जाता है। आसा आपको यह Poos Ki Raat Kahani Pdf का यह पोस्ट पसंद आया होगा हमने poos ki raat kahani pdf download करने का लिंक नीचे दिया है जिसपर क्लिक कर आप इसे Download कर सकते हैं ।

धन्यवाद्  !!!

पूस की रात कहानी pdf ( पूस की रात कहानी pdf download )




FAQS 

Q. poos ki raat kahani ke lekhak kaun hai ?

Ans :- पूस की रात कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी है।

Q. पूस की रात की कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

Ans :- पूस की रात कहानी का मुख्य पात्र हल्कू है जो कि बहुत ही गरीब किसान है।

Q. पूस की रात कहानी में किसका चित्रण हुआ है ?

Ans :- पूस की रात कहानी में हल्कू नामक एक गरीब किसान का चरित्र-चित्रण किया गया है।

Q. पूस की रात कहानी में कुत्ते का क्या नाम है?

Ans :- पूस की रात कहानी में कुत्ते का नाम जबरा है।

Q. poos ki raat kis prakar ki kahani hai ?

Ans :- "Poos Ki Raat Kahani"ग्रामीण जीवन से संबंधित है। इस कहानी का नायक हल्कू मामूली किसान है। उसके पास थोड़ी-सी जमीन है, जिस पर खेती करके वह,अपना गुजारा करता है मगर खेती से जो आय होती है, वह ऋण चुकाने में निकल जाती है। सर्दियों में कंबल खरीदने के लिए उसने मेहनत मंजूरी कर बड़ी मुश्किल से तीन रुपये इकट्ठे किये हैं।

Q. हल्कू कैसे जान सका कि रात अभी पहर भर बाकी है ? 

Ans :- हल्कू को पूस की कड़ाके की ठंड भरी रात को काटना मुश्किल हो रहा था, तभी वह आकाश की ओर देखता है। वह देखता है कि सप्तर्षि तारे (सात तारों का समूह) अभी आकाश में आधे भी नहीं चढ़े हैं। जिससे वह समझ जाता है कि रात अभी पहर भर बाकी है।

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